रायपुर. चाय दुकान में मिले व्यक्ति के झांसे में आकर साढ़े 11 लाख गंवा देने का मामला सामने आया है। यह घटना नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी से जुड़ी हुई है। पीड़ित की रिपोर्ट पर सिविल लाइन्स थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
ठगी से जुड़े इस मामले को लेकर पीड़ित व शांतिनगर रायपुर निवासी सुरेंद्र हरपाल पिता रनमल हरपाल ने एफआईआर के लिए आवेदन देते हुए बताया कि बगीचा जिला जशपुर निवासी विपिन अग्रवाल पिता अशोक अग्रवाल से मेरी पहचान कोरोना काल में शांति नगर स्थित चाय दुकान के पास हुई थी, जब वह मेरे घर के पास वह चाय पीने के लिए होटल आता था।
पीड़ित ने बताया कि इसके बाद माह जून 2022 में गांधी उद्यान सिविल लाइन रायपुर के पास मैं अपने दोस्त गिरधारी कुमार एवं रज्जाक खान के साथ बैठा था, उसी समय वहां विपिन अग्रवाल आया और हम लोगों से कहा कि तुम लोग 29 जून को सुबह 7 बजे गांधी उद्यान में मिलना, कुछ जरूरी बात करनी है। इसके बाद हम लोग 29 जून 2022 को सुबह 7 बजे गांधी उद्यान पहुंचे, वहां विपिन अग्रवाल आया हुआ था। उसने बताया कि उसकी पहचान कई सरकारी विभागों में है जहां वह कई लोगों की सरकारी नौकरी लगवा चुका है। वह सरकारी नौकरी लगवा सकता है।
उसने 2 दिन बाद फिर मिलने को कहा, इस पर मैं अपने दोनों दोस्तों गिरधारी एवं रज्जाक के साथ 1 जुलाई 2022 को सुबह 9 बजे विपिन अग्रवाल से मिलने गांधी उद्यान के पास पहुंचा। उसने कहा कि तुम्हारे लिए नौकरी की बात कर लिया हूं, साढ़े 11 लाख देने पर 15 दिन के अंदर तुम्हारी शिक्षा विभाग में नौकरी लग जाएगी। विपिन ने खुद को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ होना बताया। साथ ही उसने कई लोगों के नियुक्ति पत्र मुझे दिखाए। इसके बाद मैं उसकी बातों में आकर 4 जुलाई 2022 को अपने दोस्त गिरधारी के साथ बाजार से ब्याज पर 4 लाख रूपये नगद लेकर विपिन को शंकर नगर चौपाटी के पास दे दिया। इस पर विपिन बोला कि बाकी के पैसे 2 दिन के लाकर देना, 10 जुलाई तक नियुक्ति आदेश जारी होगा। फिर मैने 6 जुलाई 2022 को गिरधारी और रज्जाक के साथ एक बार फिर बाजार से ब्याज पर 7 लाख 50 हजार लेकर सिविल लाइन स्थित काफी हाउस के पास विपिन ले जा कर दिया था।
इस तरह किया गुमराह
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि रकम लेने के बाद विपिन ने कहा था कि 10 जुलाई तक नियुक्ति आदेश मिल जाएगा। लेकिन जब 15 जुलाई तक नियुक्ति आदेश नहीं मिला तब मैने विपिन से उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। जिस पर विपिन ने 3 दिन का समय और मांगा और भरोसा दिलाया कि 3 दिन के अंदर शिक्षा विभाग नौकरी के लिए नियुक्ति आदेश मिल जाएगा नहीं तो तुम्हारे पैसे वापस कर दूंगा। इसके बाद वह मुझे अलग-अलग जगहों पर बुलाता और कहता कि नियुक्ति आदेश मिल जाएगा। लेकिन जब 30 जुलाई 2022 तक कोई नियुक्ति आदेश विपिन ने नहीं दिया। तब मैंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रायपुर जाकर पता लगाया। जहां से मालूम हुआ कि विपिन अग्रवाल नाम का कोई व्यक्ति कार्यरत नहीं है ।
इसके बाद मैंने विपिन से बात की तो उसने कहा कि मेरा ट्रांसफर दूसरे जिले में हुआ है, तुम चिंता मत करो 5 अगस्त तक तुम को नियुक्ति आदेश मिल जाएगा, नहीं तो मैं पैसे वापस कर दूंगा। फिर विपिन ने मुझे 9 अगस्त को एक होटल में बुलाकर 10 लाख रूपये का चेक दिया और अपने एकाउंट का स्टेटमेंट को दिखाकर उसका स्क्रीनशाट दिया, जिसमें 12 लाख रुपए का बैलेंस था। उसने कहा कि 10 लाख रूपये मेरे खाते से निकाल लेना और बचत राशि 1 लाख 50 हजार नगद 11 अगस्त को वापस कर देगा। परंतु 11 अगस्त को विपिन ने मुझे कोई पैसा नहीं लौटाया। तब मैंने 12 अगस्त को उसके द्वारा दिए गए चेक को बैंक में लगाया। 17 अगस्त 2022 को विपिन के खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण वह बाऊंस हो गया।
चेक बाऊंस होने की जानकारी मैंने विपिन को दी तब उसने कहा कि 26 अगस्त तक पूरे 11 लाख 50 हजार रूपये वापस कर दूंगा।लेकिन विपिन ने मुझे एक भी रुपया वापस नहीं किया और मेरे साथ धोखाधड़ी किया।
इधर पुलिस सिविल लाईन पुलिस ने बताया कि पीड़ित के लिखित आवेदन प्राप्त होने के बाद जांच के लिए आरोपी विपिन अग्रवाल को नोटिस दिया गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद आरोपी के खिलाफ 19 सितंबर 2022 को धारा 420 ,415, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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