मेष राशि Aries Horoscope
जन्मकुंडली: जन्मकुंडली के 1 से लेकर 12 भाव होते हैं। प्रथम भाव को लग्न माना गया है। जन्म के समय जो राशि प्रथम भाव में होती है वह लग्न राशि मानी गई है। लग्न भाव से जातक के आचार विचारों की जानकारी होती है। जिन जातकों का लग्न मेष होता है वे मेहनत से नहीं घबराते हैं। प्रत्येक कार्य करने से पहले बहुत सोच विचार करते हैं।
मेष लग्न के जातकों का स्वभाव (Characteristics of Aries Ascendant)
मेष का अर्थ भेड़ का बच्चा होता है। इसमें अपार ऊर्जा होती है। कहा जाता है कि बच्चों में छल कपट नहीं होता है। उनमें सीखने की ललक रहती है। मेष राशि को क्रूर राशि का कहा गया है। यह पूर्व दिशा की स्वामी और पुरूष राशि है। इसमें अग्नि तत्व है। ये ज्यादातर क्रोध में हीं आते हैं, लेकिन जब इनको गुस्सा आता है तो इन्हें संभालना मुश्किल होता है.
मेष लग्न वालों की शारीरिक बनावट
मेष लग्न के जातक की आंखें गोल, घुटने कमजोर होते हैं। इन्हें पानी से सावधान रहना चाहिए। तत्काल किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। ये घूमने के शौकीन होते हैं। ज्योतिष के अनुसार मेष राशि अश्विनी नक्षत्र के चार चरण, भरणी के चार चरण और कृतिका के प्रथम चरण से बनी है। मेष लग्न के जातकों में हठीपन ज्यादा होता है। जिस काम को ठान लेते हैं उसे पूरा कर के ही दम लेते हैं। इन जातकों को सूर्य की उपासना करना चाहिए।
मेष लग्न के स्वामी
मेष लग्न का स्वामी मंगल, बुद्धि का स्वामी सूर्य और भाग्य का स्वामी गुरु होता है। इन्हें हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। मंगलवार का व्रत रखना भी फलदायी होता है।
शिक्षा
मेष लग्न के जातकों की शिक्षा उच्चस्तरीय होती है। ये इंजीनियरिंग, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े होते हैं। वहीं ये साहसी होने के चलते जोखिम वाले कार्य से भी आजीविका प्राप्त करते हैं।