Chaitra Amavasya: चैत्र (Chaitra) के महीने में पड़ने वाली अमावस्या (Amavasya) को चैत्र अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya) के बारे में माना गया है कि पूरे विधि-विधान से पितृ तर्पण करने पर घर में सुख-शांति आती है।
पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2022) उदया तिथि के आधार पर 31 मार्च गुरुवार से शुरू होकर अगले दिन यानी 1 अप्रैल, शुक्रवार तक रहेगी। वहीं, पूजा-पाठ का शुभ मुहूर्त 21 मार्च 12.22 बजे से शुरू हो रहा है। अमावस्या (Amavasya) की समापन तिथि 1 अप्रैल को पूर्वान्ह 11.53 बजे होगी।
हिंदू मान्यताओं के आधार पर Chaitra Amavasya पर सुबह से स्नान करने के बाद सूर्य देव के साथ-साथ पितरों की पूजा की जाती है। स्नान के बाद पात्र व्यक्ति को सामर्थ्य अनुसार दान देने की परंपरा है। कहा जाता है कि Chaitra Amavasya पर तर्पण करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं।
Surya Grahan 2022 : इस दिन लगेगा साल का पहला सूर्यग्रहण, इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव