मकर संक्रांति 2021 Makar Sankranti 2021 कब है मकर संक्रांति: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तब इस त्योहार को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं। पोंगल का पर्व नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है।मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य का उत्तरायण भी होता है।
मकर संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त
- दिन- वृहस्पतिवार, 14 जनवरी 2021 को
- पुण्य काल – सुबह 08:30 एएम से शाम 05:46 पी एम तक
- अवधि – 9 घंटे 16 मिनट
- मकर संक्रांति महापुण्यकाल – सुबह 08:30 एएम से 10:15 एएम तक
- अवधि – 1 घंटा 45 मिनट
मकर संक्रांति का मुहूर्त
- संक्रांति करण- बव
- संक्रांति दिन- गुरुवार
- संक्रांति तारीख – 14 जनवरी 2021
- संक्रांति गोचर 14 जनवरी 2021
- संक्रांति समय – सुबह 08:29 एएम से
- संक्रांति घटी – 4 (दिनमान)
- संक्रांति चंद्र राशि- मकर
- संक्रांति नक्षत्र- श्रवण (चर संज्ञक)
मकर संक्रांति का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायन को देवों की रात्रि कहा जाता है, जिसे नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। वहीं उत्तरायण को देवताओं का दिन यानी सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का काफी महत्व है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन दिया गया दान सौ गुना फल देता है।
मकर संक्रांति के दिन लोग प्रात: नदी में स्नान करने के बाद सूर्यदेव की आराधना करते हैं। जरूरतमंदों को दान देते हैं। इसके बाद तिल के लड्डू, खिचड़ी और पकवानों की मिठास के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। वहीं देश कई इलाकों में आज के दिन लोग पतंग उड़ाते हैं। पतंगबाजी की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।
इसे भी पढ़ें – पंचक क्या है: जानिए इसका किस तरह पड़ता है प्रभाव, कौन-कौन से कार्य होते हैं वर्जित
Twitter _ https://twitter.com/babapost_c
Facebook _ https://www.facebook.com/baba.post.338/