Vastu Tips: कई बार जानें-अनजाने ऐसा काम करते हैं जो हमें नहीं करना चाहिए। वास्तुशास्त्र का हमारे जीवन पर काफी असर पड़ता है। वास्तुशास्त्र के विपरीत किसी कार्य करने पर हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार बताए गए उपायों को हल्के लेने से हानि हो सकती है। वास्तु दोष के चलते हमें आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। घर के मंदिर में भी वास्तु शास्त्र के आधार पर कार्य करना चाहिए। यहां हम बात करेंगे पूजा-पाठ के दौरान जलाए जाने वाली दीये की। दीये की दिशा किस तरफ होनी चाहिए आइये यहां जानते हैं।
दीये रखने की सही दिशा
पूर्व दिशा (East) – वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व (East) दिशा में पूजा घर दीये को रखना चाहिए। इसे बेहद शुभ माना गया है। इससे मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक असर होता है। बिगड़े हुए कार्य बनते हैं।
पश्चिम दिशा (West) – वास्तुशास्त्र के आधार पर यदि आपके जीवन में काफी परेशानियां आ रही हैं तो पूजा घर में दीपक की लौ को पश्चिम दिशा की ओर रखें। इससे दुख कम होते हैं। मानसिक शांति मिलती है।
उत्तर दिशा (North) – वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा में भी दीपक की लौ को रखना शुभ माना गया है। इससे आर्थिक परेशानी दूर होती है। ईश्वर की आराधना में मन लगता है। विवाद दूर होते हैं।
दक्षिण दिशा (South) – वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी भी दीये की लौ को दक्षिण दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए। यह दिशा यमराज की मानी गई है। इसलिए इस दिशा में दीये की लौ रखने से आर्थिक परेशानी बढ़ सकती है।
इन मंत्रों का जप करें
- दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते..
- शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
- दीपज्योति: परब्रह्म:
- दीपज्योति: जनार्दन:
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