कुंडली में मंगल केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, 7वें या 10वें भाव में होता है या अपनी उच्च राशि मकर, मेष में होता है रुचक योग बनता है। यह भी राजयोग के समान है।
कुंडली में मंगल केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, 7वें या 10वें भाव में होता है या अपनी उच्च राशि मकर, मेष में होता है रुचक योग बनता है। यह भी राजयोग के समान है।